सबसे बड़ी खबर : मेरठ के बाद अब दिल्ली का होगा जेवर एयरपोर्ट से रैपिड कनेक्शन, प्रोजेक्ट पर काम शुरू
सबसे बड़ी खबर : मेरठ के बाद अब दिल्ली का होगा जेवर एयरपोर्ट से रैपिड कनेक्शन, प्रोजेक्ट पर काम शुरू
Yamuna Authority :
आज की सबसे बड़ी खबर है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एनसीआर के 200 किलोमीटर दायरे वाले शहरों से जोड़ने के लिए रैपिड रेल के दूसरे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। यह दूसरा कॉरिडोर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आगरा तक जाएगा। यह दो चरणों में पूरा होगा। पहला चरण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक होगा। दूसरे फेज में रैपिड रेल आगरा जाएगी। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि एनसीआरटीसी रैपिड रेल के दिल्ली-मेरठ रूट पर तेजी से काम कर रहा है। इस रूट के पहले चरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं।
क्या है परियोजना
दिल्ली से आगरा के बीच रैपिड रेल की जरूरत है। इसकी तीन वजह हैं। अगर दिल्ली से आगरा के बीच रैपिड रेल की शुरुआत हो जाती है तो तीनों ज़रूरतों को पूरा करेगी। लिहाजा, दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल शुरू होने के तुरंत बाद दिल्ली-आगरा रैपिड रेल रूट पर एनसीआरटीसी काम शुरू करना चाहती है। इसके लिए न केवल केंद्र सरकार बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी हरी झंडी दे दी है।
पहली वजह :
दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आवागमन को तेज करना है। जिसके लिए एनसीआरटीसी का गठन किया गया है। केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली में भीड़ कम हो। यहां आकर काम करने वाले लोग 200 किलोमीटर के दायरे में एनसीआर के शहरों में रहें और रोज़ाना आवागमन करें। इसके लिए रैपिड रेल यातायात का सबसे अच्छा साधन है। रैपिड रेल के जरिये 200 किलोमीटर की दूरी अधिकतम एक घंटे में पूरी की जा सकती है।
दूसरी वजह :
यह वजह जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली समेत एनसीआर के तमाम शहरों से कनेक्टिविटी दी जा रही है। लिहाजा, रैपिड रेल का यह कॉरिडोर दिल्ली को नोएडा हवाईअड्डे से सीधे जोड़ देगा। जिसका फ़ायदा वायु यात्रा करने वाले लोगों को मिलेगा।
तीसरी वजह :
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, वृंदावन, मथुरा और आगरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़े व्यावसायिक, पर्यटन व सांस्कृतिक क्षेत्र हैं। दिल्ली आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट इस रैपिड रेल के ज़रिए सारे शहरों में तेज़ी से यात्राएं कर सकेंगे। लिहाज़ा, इन सारे शहरों की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने के लिए मिलेगा।
एनसीआरटीसी और यमुना अथॉरिटी मिलकर काम करेंगे
इस परियोजना पर एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी मिलकर काम करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक एनसीआरटीसी ने परियोजना की फ़ीजीबिल्टी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति कर दी है। आर्किटेक्ट्स, इन्जीनियर्स और जियोलॉजिस्ट मिलकर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले 2-3 महीनों में फिजीबिलिटी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सरकार को मिल जाएंगी। प्रोजेक्ट के लिए यमुना अथॉरिटी ज़मीन मुहैया करवाएगी। रैपिड रेल के इस रूट पर आने वाला ख़र्च केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी मिलकर उठाएंगे। पहले फ़ेज़ की लंबाई क़रीब सौ किलोमीटर होगी। दूसरे फ़ेज़ की लंबाई भी सौ किलोमीटर के आस पास होगी। इस तरह दिल्ली आगरा रैपिड रेल रूट क़रीब 200 किलोमीटर लंबा होगा।
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